BILASPURBlogCHHATTISGARHCRIMEHEALTHKABEERDHAMKORBAnewsRaigarhRajnandgaonSARANGARH-BILAIGARHsurajpurअंबिकापुरकांकेरखैरागढ़जगदलपुरदुर्गबलौदाबाजारबीजापुरमहासमुंदरायपुरसक्तीसरसिवासरिया बरमकेलासुकमा

*बिलाईगढ़ के छात्रावासों में बच्चों का हुआ स्वास्थ्य जाँच*

*कृमि के कारण होती है एनिमिया – डॉ निराला*  



सारंगढ । कलेक्टर डॉ.संजय कन्नौजे के निर्देशन में जिला के मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एफ आर निराला ने विकास खंड बिलाईगढ़ के शा. हाई स्कूल पिरदा में विकासखण्ड एवं जिला के चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता कार्य क्रम स्वास्थ्य पे चर्चा परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किये । कार्यक्रम के प्रारंभ में स्कूल के प्रिंसिपल भोई ने अतिथि का परिचय करायें, जिला के मुख्य चिकित्सा व स्वा.अधि. डॉ एफ.आर. निराला ने स्वा. जागरूकता पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि – स्कूल के बच्चों में खून की कमी होने की सर्वे रिपोर्ट है। वहीं बिलाईगढ़ विकास खण्ड के शा. आदिवासी कन्या आश्रम पिरदा में स्वा. परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। बारिश के कारण मौसमी बीमारी जैसे – सर्दी, खांसी, बुखार ,उल्टी, दस्त, खुजली और घाव आदि की आशंका को देखते हुए स्वा. विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है।

इस कड़ी में जिला के मुख्य चिकित्सा व स्वा. अधिकारी की उपस्थिति में कन्या छात्रा वास के सभी छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया शिविर में बच्चों के लक्षणों के आधार पर तुरंत दवा वितरण भी किया गया । छात्रावास में बच्चों को मिलने वाले भोजन को सीएमएचओ डॉ. एफ आर निराला द्वारा चख कर परीक्षण भी किया गया । शादी के समय सिकलसेल रिपोर्ट का मिलान जरुरी इस कारण शासन के आदेश अनुसार 0 से 40 वर्ष तक के सभी लोगों की सिकलसेल की जांच अभियान जारी है।जिसमें आगे चलकर इनके उपचार का प्रबंध हो सके । वहीं दुसरी ओर शादी समय काउंसलिंग कर सिकलसेल की बीमारी को पीढी दर पीढ़ी होने से बचाया जा सकता है । शादी के समय कुंडली मिलान के अलावा सीकलसेल की जांच रिपोर्ट की मिलान करने की रिवाज को बढ़ावा देने की ज़रूरत है । इसमें समाज प्रमुखों की भूमिका अहम है । उपस्थित बच्चों शिक्षक व ग्रामवासियों का सिकलिन, शुगर, बीपी, एचबी, एनीमिया आदि का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

यह कृमि के कारण होती है एनीमिया छग के छोटे बच्चों में कृमि के कारण एनीमिया होना आम बात है छोटे बच्चे आमतौर पर घर के आंगन में नंगे पैर खेलते है। जिन्हें कृमि होने की प्रबल संभावना बनती है। ऐसे कृमि को नग्न आंखों से नही देखी जा सकती,पैर के तलवे से प्रवेश करता है। कुछ कृमि भोज्य पदार्थ के माध्य्म से शरीर मे प्रवेश करता है अंतड़ियों  में निवास करता है अंतड़ियों में अपनी आकर, संख़्या बढ़ाते है । कृमि अंतड़ी में जीवित रहने के लिए बच्चों के द्वारा ग्रहण की गई पोषक पदार्थ को चुस्ता है जिसमे खून भी शामिल है । लगातार चूसते रहने के कारण बच्चे कमजोर हो जाते है यही कारण है कि – बच्चे में खून की कमी होती है । खून की कमी होने के कारण बच्चे की शारीरिक विकास व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है । बच्चो में सीखने की क्षमता कम होती है , बच्चे का आईक्यू भी कम होता है । ऐसे बच्चों को चक्कर आना , जल्दी थक जाना , पढ़ाई में मन न लगना पढ़ने से याद न होना आदि परेशानी होती है। ऐसे परेसानी को दूर करने के लिए शासन द्वारा वर्ष में 02 बार अगस्त , फ़रवरी में कृमि नाशक दवाई दी जाती है ।

पिछले दो वर्षो से हमारे जिले के विकास खण्ड बरमकेला व सारंगढ में आईडीए जिस में इभरमेक्ट्रिन डी ई सी और एलबेंडाजोल की गोली एक साथ खिलाई जाती है। क्रीमी  नाशक के साथ हाथी पाव की गोली भी खिलाई गयी थी । इस वर्ष इन दो ब्लॉक के अलावा बिलाईगढ़ में भी आईडीए कार्यक्रम फरवरी के महीने में चलाए जाएगी ।बच्चों के साथ अन्य को भी दवाई खिलाई जाएगी। बच्चो को आयुष्मान कार्ड उपयोग समाज से टीबी एवं कुष्ठ उन्नमूलन करने के लिए एवं समाज में तम्बाकू निषेध के अभियान को विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति मुख्य चिकि. एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ.आर. निराला, जिला सारंगढ बिलाईगढ़ के तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सहा. नोडल संजीव राजेत्री, संकुल समन्वयक बोधी लाल कथकार , प्रधान पाठक विमल पटेल , शिक्षिका श्रीमती रति साहू, शिक्षक महेंद्र कुमार सोनी एवं समस्त स्कूली छात्र/छात्राएं  बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest