*प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु लाभकारी व्यवसाय पंजीयन तिथि 31 अगस्त*

सारंगढ़ । छग शासन का उप क्रम छग राज्य बीज व कृषि विकास निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष खरीफ मौसम में कृषकों को बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्रदान कर अन्य किसानों की तुलना में प्रति एकड़ अधिक लाभ कमाने का मौका देता आ रहा है , लेकिन इसकी जानकारी कुछ ही किसानों को होती है । यदि आप भी अधिक लाभ पाने के इच्छुक है तो प्रमाणित बीज के उपयोग से पुराने बीज की तुलना में 10 से 15% ज्यादा उपज प्राप्त होता है । फ़सल की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित बीज के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है । प्रदेश के किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रमाणित बीज मुहैया कराने के लिए बीज निगम बीज उत्पादन कार्य क्रम आयोजित करता है । जिन किसानों के पास 2.5 एकड़ या अधिक ज़मीन है वो छग राज्य बीज प्रमाणी करण संस्था में मामूली शुल्क देकर अपना पंजीयन करा सकते है । इसके लिए आप को सारंगढ़ बिलाईगढ जिले के बीज प्रकिया केंद्र बरमकेला में संपर्क करना होगा । आप अपने क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से भी बात कर सकते हैं । बीज उत्पादन कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों द्वारा दी जाती है ।
फ़सल कटने पर अपना बीज प्रक्रिया केंद्र में देने पर एक सप्ताह में बीज की अग्रिम राशि दे दी जाती है जो कुल बीज की कीमत का लगभग 60% राशि है शेष 40% राशि बीज परीक्षण परिणाम आने पर दे दी जाती है । इस प्रक्रिया में लगभग 2 माह लगते है । पिछले खरीफ में धान मोटा किस्म कीकिसानों बीज खरीदी दर 3043 + 800(बोनस)= 3843 रुपये प्रति क्विंटल, धान पतला किस्म- 3211+800 (बोनस) = 4011 रुपये प्रति क्विंटल, सुगंधित किस्म- 3644+800 (बोनस) = 4444 रुपये प्रति क्विंटल थी । इस प्रकार, पिछले खरीफ में जिन किसानों ने बीज निगम में उत्पादन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था उन्हें शासन द्वारा निर्धारित धान की खरीदी दर 3100/- प्रति क्विंटल की तुलना में मोटे किस्म की 743 रु प्रति क्विंटल अर्थात 15603 रुपए प्रति एकड़ अधिक मिले , मतलब 1 हेक्टर वाले किसान को लगभग 40 हजार रुपये अधिक मिले ।हालांकि किसानों को बीज का 40% राशि मिलने में 2 से 2.5 माह लगता है किन्तु तब भी किसी अन्य निवेश से अधिक लाभ प्राप्त होने से किसान इस कार्यक्रम के प्रति उत्साहित रहते हैं , अभी शासन स्तर पर उत्पादन अनु दान बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है जिसे अंतिम रूप मिलने पर लाभ और अधिक होगा । इस हेतु किसानों को 31 अगस्त तक पंजीयन कराना होगा ।