बिलाईगढ़ में भाजपा का अल्टीमेटम: नगर पंचायत अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 धारा 41क के तहत हटाने की मांग


सारंगढ़ बिलाईगढ़। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंडल बिलाईगढ़ की अध्यक्षा सुश्री राधा राकेश ने आज पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष और जिला मंत्री रामनारायण देवांगन सहित मंडल के कई प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उपस्थित प्रमुख सदस्यों में मंडल महामंत्री हेतराम साहू, जिला सहकारिता प्रकोष्ट के संयोजक और नगर पंचायत बिलाईगढ़ के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि टीकाराम जायसवाल, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष और नगर पंचायत बिलाईगढ़ के पार्षद प्रतिनिधि त्रिलोक देवांगन, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला महामंत्री डॉ. प्रहलाद डनसेना, मंडल उपाध्यक्ष सुखदेव साहू , जयसिंग नाग जी और श्रीमती रथ बाई देवांगन, तथा मंडल मंत्री अमित साहू और गणेशी राकेश, नगर पंचायत बिलाईगढ़ के पार्षदगढ़ धनीराम राकेश, मुकेश जायसवाल, संतोष देवांगन, उमाशंकर देवांगन, शूनिराम साहू, विजय अज्ञाल्ले, कमलेश कुरे, अशोक निराला, बहारता राम राकेश, संतोषी साहू, पीला बाबू, रामकिरतन, संजू, संतोष साहू, सियाराम बरिहा, बाबूलाल ठाकुर तथा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल थे।
यह ज्ञापन नगर पंचायत अध्यक्ष दामोदर प्रसाद दुबे के खिलाफ अवैध कॉलोनी निर्माण और शासकीय नियमों के उल्लंघन से संबंधित है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि नगर पंचायत अध्यक्ष ने स्वयं और पत्नी के नाम की भूमी को अपने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से छह प्रमुख खसरा नंबरों पर 50 से अधिक छोटे भूखंडों में अवैध प्लाटिंग की है। इस कृत्य को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 और कॉलोनाइजर नियमों का सीधा उल्लंघन बताया गया है, जिससे नगर पंचायत को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है।
सुश्री राधा राकेश ने मीडिया को बताया कि वे प्रशासन से इस गंभीर मामले में छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 41क के तहत आवश्यक कार्यवाही करते हुए अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय सीमा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो भाजपा इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के सामने उठाएगी और धरना-प्रदर्शन सहित अन्य लोकतांत्रिक तरीकों का सहारा लेने के लिए मजबूर होगी।
इस दौरान रामनारायण देवांगन ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि एक जन प्रतिनिधि को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का सीधा उदाहरण है और पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस घटना से बिलाईगढ़ की राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और प्रशासन के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है।


