*चूना पत्थर ब्लॉक खोलने के विरोध में धौराभांठा में ग्रामीणों की सामूहिक बैठक, जनसुनवाई का विरोध*

सारंगढ़ गुडेली टीमरलगा,बंजारी में संचालित चुना पत्थर खदान खुलने से क्षेत्रवासी पहले से ही पीड़ित है और धूल भरे जीवन यापन जीने मजबुर है साथ ही अस्थमा और टी0बी के बीमारी से जूझ रहे है। लेकिन सरकार द्वारा कोई ठोस कदम आज तक नही उठाया गया खनिज से सरकार को करोड़ों रुपये की रायल्टी मिलती है। लेकिन इन क्षेत्रवासियों को कोई लाभ नही मिलता ठीक इसी तरह ताजा मामला जनपद पंचायत सारंगढ़ अन्तर्गत ग्राम पंचायत धौराभांठा, बंजारी, गुडेली, कपिस्दा-ब एवं उनके आश्रित ग्रामों के मूल एवं स्थायी निवासी एवं कृषकगण  के सामने मुशीबत आ खड़ी है सैकड़ों किसानों ने लिखित में सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े को शिकायत किया था कि  हम हस्ताक्षरकर्तागण, कृषि काश्तकारी पर आश्रित रहते है। कृषि के अलावे हमारे पास कोई अन्य स्थायी आजीविका का कोई साधन नहीं है।
हमारी उपरोक्त ग्रामों कमशः धौराभांठा (लालाधुर्वा), बंजारी, गुडेली, कपिस्दा-ब. एवं उनके आश्रित ग्रामों में हमारी पूर्वर्जीय एवं पैतृक बेशकिमती एवं उपजाऊ दो फसली कृषि भूमियां है।
हमें विश्वस्त सुत्रों से ज्ञात हुआ है कि ग्रीन सस्टेनेबलमैन्युफैक्चरिंग भुवनेश्वर खोरदा द्वारा उपरोक्त ग्राम/पंचायत एवं उनके आश्रित ग्रामों में चूना पत्थर ब्लॉक बनाना चाहता है, जिसके लिए उनके द्वारा भूमि कय उनके स्वयं कंपनी के नाम से अथवा किसी भी व्यक्तिगत नाम से कय करने हेतु प्रयासरत है।
चूंकि हम सभी किसान है एवं कृषि मजदूर है एवं कृषि आजीविका पर ही आश्रित है, हमारे उपरोक्त ग्रामों में चूना पत्थर ब्लॉक स्थापित होता है या उसके लिए जमीन क्रय अथवा अधिग्रहित की जाती है तो हम अपनी कृषि आजीविका से पूर्णतः बेघर-बार हो जायेगें।
जमीन खरीदी/अधिग्रहण पश्चात, हमारे हित उत्तरवर्ती भविष्य के संतानों के पास कोई भी कृषि जमीन नहीं बचेगी और वे भविष्य में कृषि से पूर्णतः मरहूम हो जायेगें। तथा पर्यावरण दुषित होकर अन्य नजदिकी कृषि भूमियां भी कृषि काश्तकारी से प्रभावित होगी।अतएव उपरोक्त परिस्थिति पर सहानुभूति पूर्वक गौर करते हुये उपरोक्त विष्यांकित ग्राम पंचायतों व उसके आश्रितग्रामों में चूना पत्थर ब्लॉक स्थापित किये जाने में हम अपनी पूर्ण असहमती एवं आपत्ति प्रस्तुत कर रहें है।अतः श्रीमान् जी से करबद्ध प्रार्थना सह निवेदन है कि उपरोक्त करूणा पूर्वक विचार करते हुये हमारे उपरोक्त विष्यांकित ग्राम पंचायतों सहित उसके आश्रित ग्रामों में चूना पत्थर ब्लॉक स्थापना पर रोक लगायी जाकर हमारी कृषि भूमियों सहित हमारी कृषक अधिकारों की रक्षा करने की कृपा करें। इस तरह सैकड़ो किसानों ने सारंगढ़ विधायक को पत्र लिखा और विधायक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व में जिला कलेक्टर से भेंट मुलाकात कर किसानों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर पत्र देकर जिला कलेक्टर महोदय से इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा कर भविष्य की परेशानियां को अवगत कराते हुए तत्काल चूना पत्थर खदान ब्लॉक की प्रक्रिया पर रोक लगाने मांग की थी लेकिन शासन प्रशासन से कोई ठोस जवाब नही मिलने के कारण जनसुनवाई के पहले आज धौरा भांठा , लाला ध्रुवा सरसरा ,कपिसदा ब, जोगनीपाली के ग्रामीणों ने सामूहिक बैठक आयोजित की गई जिसमें सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े,जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ममता राजीव ठाकुर, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरुण मालाकार, जनपद उपाध्यक्ष राजकुमारी चंद्रकुमार नेताम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि चिंता पटेल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद डेंजारे , सरपंच हरिचरण पटेल, पूर्व मंडी अध्यक्ष मोहन पटेल,किसान कांग्रेस नेता प्रमोद मिश्रा, वरिष्ठ कांग्रेसी राजीव ठाकुर, युवा नेता सागर नेताम पूर्व सरपंच चमरू भारती, बबलू बहीदार,सालिक राम पटेल, कन्हैया वर्मा बैठक में शामिल हुए उन्होंने ग्रामीणों के बातों को ध्यान से सुना और उनकी पीड़ा को समझते हुए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की बात कही उल्लेखनीय हो कि चूना पत्थर खदान खोलने को लेकर 24 सितंबर को आयोजित होने वाली जनसुनवाई का विरोध के स्वर अभी से दिखने लगे हैं ग्रामीणों का कहना है की किसी भी स्थिति में हम हमारे गांव में चूना पत्थर खदान नहीं खोलना देंगे गौरतलब हो कि जिस गांव में उद्योग स्थापित होना है वहां का अभी तक कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ली गई है इसके साथ ही 16 ग्राम पंचायत से अनापत्ति की मांग की गई है इस तरह आधी अधूरी तैयारी के साथ शासन प्रशासन कंपनी के पक्ष में जनसुनवाई आयोजित करने जा रही है जिससे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है और कभी भी आंदोलन की रूप ले  सकती है।
 
				



 
					 
						