हाईकोर्ट का आदेश : आशुतोष दुबे को पुनः अनुकंपा नियुक्ति दें

जांजगीर। जांजगीर निवासी याचिकाकर्ता आशुतोष दुबे के पिता का निधन 19 फरवरी 1999 को हो गया था। उस समय आशुतोष नाबालिग थे। वयस्क होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा ने दिनांक 27 अक्टूबर 2020 को उन्हें भृत्य (चतुर्थ श्रेणी) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की थी।
लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, बिना कोई कारण बताए, 19 जनवरी 2021 को उनकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई। इस पर आशुतोष दुबे ने अपने अधिवक्ता समीर बेहार के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अनुकंपा नियुक्ति पर दिनांक 10 जून 1994 का शासनादेश लागू होता है, और बिना कारण बताए नौकरी समाप्त करना न केवल अनुचित बल्कि अवैध है।
इस पर हाईकोर्ट ने दिनांक 24 जुलाई 2025 को सुनवाई पूरी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता आशुतोष दुबे को भृत्य के पद पर पुनः नियुक्त किया जाए तथा उनके पूर्व वेतन संबंधी मामले पर भी विचार किया जाए।