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परसाडीह ये है बदलते और विकसित भारत के तस्वीर की कहानी, जहाँ ग्रामीण आज भी गांव की गली के कीचड़ से मुक्त नही हो सके।



सारंगढ़ बिलाईगढ़।  बरमकेला विकासखंड के ग्राम पंचायत सकरतुंगा आश्रित ग्राम परसाडीह  गाँव का एक बार फिर बरसात के मौसम में गांव की गली कीचड़ से लदफ़्त है। शाम होते ही ग्रामीण घर से बाहर निकल नही पाते हैं। विकसित भारत की ताजा उदाहरण बया करता है।आजादी के 78 वर्षों बाद यह गाँव केवल अब राजनीति के प्रदर्शन का केंद्र बन चूका है, चुनाव के पूर्व चुनाव जीतने के लिए कई नेता इस गाँव को समस्या का प्रमुख केंद्र बनाकर सहानुभूति लेते हुए आज बड़े पद पर आसीन हो रहे हैं, लेकिन पद मिलते ही इस गाँव से जनप्रतिनिधि अपना नाता तोड़ लेते हैं, जिसके बाद अगली बार फिर कोई नेता लोगों की उम्मीद जगाकर तोड़ देता है.
गली की कीचड़ से बच्चे को स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस कीचड़ के कारण गांव में हैजा महामारी जैसे कई बीमारियों की संकट मंडरा रही है।
विधानसभा, लोकसभा चाहे पंचायत चुनाव हो  ग्रामीणों को केवल झूठा आश्वाशन ही मिलता आया है. यहां की पंचायत सरकार गहरे नींद पर है। इस गांव के कीचड़ ने पंचायत की कई योजनाएं की पोल खोल कर रख दी है। यहां की पंचायत सरकार सिर्फ कागजों तक सीमट कर रह गई है।

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