*आपातकाल में सबसे आगे रही आरएसएस*

सारंगढ़ । जिला भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष जालान बताया कि – आपातकाल में सबसे अधिक दबाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर था । संघ पर प्रतिबंध लगा , सभी प्रमुख प्रचारक व दायित्ववान अधिकारी या तो गिरफ्तार हुए अथवा भूमिगत रहकर समाज जागरण के अभियान में सक्रिय रहे । आपातकाल के 21 महीना में 1लाख 30 हजार से अधिक लोग जेल में रहे । उनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता एक लाख से अधिक थे । जालान ने कहा कि – पूरे 21 माह जनजागरण अभियान निरंतर रखने का काम केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने किया । आपातकाल हटने और सत्ता परिवर्तन के बाद भी संघ ने कोई श्रेय कभी नहीं लिया ।संघ की कार्यशैली में श्रेय लेने का स्वभाव है भी नहीं , वे कोई काम श्रेय अथवा किसी लाभ के लिए नहीं करते , उनका उद्देश्य राष्ट्र का परम वैभव है । वे इसी के लिए समर्पित है । उस काल खंड में भारत का जनमानस महंगाई से परेशान था , इस लिए स्वयं सेवकों ने महंगाई विरोधी आंदोलन की व्यवस्था संभाली। इस दौरान संघ के अनेक प्रचारक पूरे आपातकाल भूमिगत रहे ।भूमिगत रहकर उन्होंने उन परिवारों की देखभाल की जिन परिवारों के मुखिया जेल में डाल दिए गए थे । संघ की कार्य निष्ठा और राष्ट्र भाव का जन सामान्य में सदैव सम्मान रहा है । इसका लाभ आपातकाल में मिला ।जन सामान्य के सहयोग से वे सभी परिवार सुरक्षित रहे जिनके मुखिया अथवा एक मात्र संचालक को किसी न किसी बहाने जेल में डाल दिया गया था । आपातकाल के बाद राजनीति अपनी राह पर चली और संघ के स्वयं सेवक राष्ट्र सेवा की अपनी राह अपना लें ली ।