*बिलाईगढ़ के विकास की राह पर मैं अडिग हूँ – रामनारायण*

बिलाईगढ़। मैं आज यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि – गौरव पथ काम लापरवाही से नहीं, बल्कि पिछली व्यवस्थाओं की खामियों के कारण रुका था, और मैंने इसे फिर से गति देने के लिए हर संभव कदम उठाया है।मैंने पोल सिपटिंग के लिये 34 लाख , नाली निर्माण के लिए 32 लाख व 20 लाख दोनों साइड के लिए तथा मुख्य मार्ग में पाइप लाइन कार्य के लिए 20 लाख की स्वीकृति उपमुख्यमंत्री अरुण साव जी से कराया । तब जा कर गौरवपथ का काम चालू हुआ । कुछ लोगों ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर दीं। न्यायालय ने सीमांकन के बाद ही आगे कार्यवाही का आदेश दिया, जिससे यह काम कानूनी अड़चनों में फँस गया । इस न्यायिक बाधा को लापर वाही का नाम दिया, जो कि- ग़लत है ।
एक अच्छा नेतृत्व समस्याओं को स्वीकार करता है, उनका सामना करता है और उसका स्थायी समाधान खोजता है और न्यायालय के आदेश आने के बाद जहां मुख्य मार्ग पर काम करना संभव नहीं था, मैंने बांसउरकुली नाले की ओर से गौरवपथ का निर्माण फिर से शुरू करवायें । यह एक रणनीतिक निर्णय था, जिससे यह संदेश गया कि हम रुकेंगे नहीं, बल्कि विकास की राह पर आगे बढ़ते रहेंगे। हमने ठेकेदार को काम फिर से शुरू करने का कार्यादेश जारी किया व काम की प्रगति पर लगातार नज़र रखी । शहर के मुख्य मार्ग में शासन ने अधिग्रहीत शा. भूमि का उपयोग करके एक ऐसा मार्ग बनाया जाए जो न केवल यातायात को सुगम बनाए, बल्कि पैदल चलने वालों और दिव्यांगों के लिए भी सुरक्षित हो अफ़वाहें आती-जाती रहेंगी । हमने मुश्किलों के बीच भी पुरे नगर में विकास के काम को आगे बढ़ाया है, और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बिलाईगढ़ को उसका गौरव पथ नहीं मिल जाता ।


