समाजसेवी सतीश यादव ने कराया घायल गौ माता का उपचार, अस्पताल की उदासीनता पर जताई नाराज़गी

सारंगढ़।
आज सुबह अज्ञात वाहन की चपेट में आकर एक गौ माता गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही समाजसेवी सतीश यादव ने तत्काल पहल करते हुए घायल गौ माता को सहकारी अस्पताल पहुंचाया, ताकि उसका समुचित उपचार हो सके।
लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने स्पष्ट कह दिया कि वे गाय को वहां रखकर इलाज नहीं कर सकते। कारण पूछने पर बताया गया कि मोहल्ले वालों को गौ माता से बदबू आती है, इसीलिए उन्हें अस्पताल परिसर में रखने की अनुमति नहीं है।

समाजसेवी सतीश यादव ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो सरकार ने गौ माता के लिए कोई स्थायी व्यवस्था की है और न ही पशु अस्पतालों में इनके उपचार की समुचित सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल कर्मियों का रवैया भी उपेक्षापूर्ण रहा, मानो वे इलाज से ज्यादा इस बात में रुचि ले रहे हों कि गाय को जल्द से जल्द अस्पताल से बाहर कर दिया जाए।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा –
“जो लोग गौ माता के नाम पर वोट लेते हैं, वे आज कहाँ हैं? क्या हमारी गौ माता केवल चुनावी नारों तक ही सीमित रह जाएंगी? यह सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि हमारी आस्था का प्रतीक हैं। इन्हें इस तरह सड़कों पर तड़पने और मरने के लिए छोड़ना हमारी संवेदनाओं पर आघात है।”
अंत में समाजसेवी यादव ने प्रशासन से मांग की कि गौ माता के उपचार और संरक्षण के लिए शीघ्र ठोस व्यवस्था बनाई जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो सारंगढ़ के गौ सेवक सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।