तीन अवैध आरामिलों पर वन विभाग की बड़ी कार्यवाही तत्काल सील

सारंगढ़ । जिला कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के आदेश पर वन विभाग ने अवैध रूप से संचालित हो रही आरामिलों पर बड़ी कार्रवाई की है। 11 सितम्बर 25 को वनमंडल सारंगढ़ बिलाईगढ़ के उड़न दस्ता दल व वन परिक्षेत्र अधिकारी की संयुक्त टीम ने विशेष अभियान चलाते हुए तीन आरामिलों पर छापामार कार्यवाही की । जांच के दौरान तीनों मिलें या तो नवीनीकरण अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से संचालित हो रही थीं या बिना किसी वैध अनुमति के चल रही थीं। वन विभाग ने तत्काल प्रभाव से तीनों आरा मिलों को बंद कर सील कर दिया। निरीक्षण के दौरान गोंड़म स्थित लक्ष्मी सॉ मिल में पाया गया कि – स्वामी रामलाल यादव की मृत्यु के बाद मिल का संचालन उत्तराधिकारियों द्वारा किया जा रहा था । इस मिल का नवीनीकरण काफी पहले समाप्त हो चुका था, बावजूद इसके संचालन जारी था।
इसी प्रकार, पटेल सॉ मिल गोंड़म भी स्वामी गणेशलाल पटेल के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारियों द्वारा बिना नवीनीकरण के चालू पाई गई । वहीं ग्राम अमलीपाली (बरमकेला) स्थित तोषराम पटेल आरामिल का संचालन बिना किसी वैध अनुमति और बिना लाइसेंस के किया जा रहा था । यह छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 की धारा 6(5) ग, 9 एवं 12(ङ) का स्पष्ट उल्लंघन है । वन मंडलाधिकारी के निर्देश पर उपवनमंडलाधिकारी सारंगढ़ ने आदेश जारी कर तीनों आरा मिलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर सील किया।

कानूनी पहलू छग काष्ठ चिरान विनियमन अधिनियम 1984 के तहत किसी भी आरामिल का संचालन केवल वैध लाइसेंस एवं समय-समय पर किए गए नवीनीकरण की अनुमति पर ही संभव है । अधिनियम की धारा 6 (5) ग, 9, 12 (ख) और 12 (ड) के तहत आया मिल अवैध संचालन करते पाए जाने पर विभाग त्वरित कार्यवाही कर सकता है । एसडीओ श्रीमती गुप्ता वन विभाग का स्पष्ट संदेश है कि – प्रदेश में अवैध आरामिलों एवं अवैध लकड़ी कारोबार के खिलाफ लगातार सख्त अभियान जारी रहेगा । विभाग ने आमजन और आरामिल संचालकों से अपील की है कि – वे केवल वैध अनुमति व नवीनीकरण के आधार पर ही मिलों का संचालन करें । बिना अनुमति संचालन की स्थिति में कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।