*प्रवर्तकता कार्यक्रम से संकटग्रस्त 18 वर्ष से कम उम्र के बालक बालिका को मिलेंगे प्रतिमाह 4 हजार रुपए*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 11 सितम्बर 2025/महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत प्रवर्तकता कार्यक्रम माता पिता के मृत्यु, तलाक, एकल माता-पिता और संयुक्त परिवार में निवास कर रहे बच्चे, जिसको समाज दया दृष्टि से देखते हैं, ऐसे 18 वर्ष से बालक बालिका को बेघर होने से बचाने और उनको अच्छी शिक्षा और ट्रेनिंग देने के लिए संचालित है। सहायता पात्रता की श्रेणी आने वाले परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक 4000 रूपये सहायता 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक दिया जाता है। इस प्रवर्तकता कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों की चिकित्सकीय पोषण, व्यावसायिक प्रशिक्षण, आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु परिवारों को अनुपूरक सहायता के रूप में धन राशि प्रदान किया जाना। जिससे बच्चे की जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार हो सके और बालक का सर्वोत्तम हित सुनिश्चित किया जा सके।
बच्चों को किन्ही कारणों से स्कूल, आंगनबाड़ी, व्यावसायिक प्रशिक्षण से विरत न किया जा सके और वह अनवरत शिक्षण, प्रशिक्षण प्राप्त कर सके। बच्चों को उनके जैविक, विस्तारित परिवार से अलग होने, बेघर होने से बचाना। बालकों (संस्थागत, रेस्क्यू किये गये पीड़ित) को प्रवर्तकता के माध्यम से उनके जैविक, विस्तारित परिवार में वापस भेज कर पुर्नवासित किया जाना। संस्थागत देखरेख से बच्चों को परिवार आधारित देखरेख में स्थानांतरित किया जाना। ऐसे परिवार, पालक जो आर्थिक विपन्ता, अशक्तता के कारण अपने बच्चों की अपेक्षित देखरेख न कर पा रहे हो, जिससे बच्चे के परिवार से अलग होने का खतरा या उनका विकास प्रभावित हुआ हो उन्हें परिवार आधारित प्रवर्तकता से लाभांवित किया जाना है।
*प्रवर्तकता में चयन के लिए मापदंड*
18 वर्ष से कम आयु के बालक और बालिका हो, बाल विवाह, बाल तस्करी अथवा अन्य शोषण से पीड़ित बच्चे जो परिवार की आर्थिक अक्षमता के कारण शिक्षा, प्रशिक्षण से विरत होकर, एकल माता-पिता के बच्चे विशेषकर एकल माता पिता विछिन्न विवाह स्त्री, कुटुम्ब द्वारा परित्यक्ता या विधवा के बच्चे, ऐसे बच्चे जिनके माता पिता की मृत्यु हो चुकी है तथा विस्तारित परिवार की देखरेख में रहते है। माता पिता द्वारा परित्यक्त ऐसे बच्चे जो विस्तारित परिवार की देखरेख में रह रहे हैं। ऐसे बच्चे जिनके माता पिता कारागृह में हैं। ऐसे बच्चे जिनके माता असहाय, अशक्त या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। ऐसे बच्चे जिनका गैर कानूनी उद्देश्य के लिए उपयोग किया गया है या किया जा रहा है। एचआईवी, एड्स से प्रभावित बच्चे। विशेषीकृत आवश्यकता वाले मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे। मिशन वात्सल्य योजना अन्तर्गत प्रवर्तकता हेतु बालकों का चयन जिनके परिवार की वार्षिक आय महानगरों के लिए रूपये 96000 और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रूपये 72000 अधिक न हो।
उल्लेखनीय है कि किशोर न्याय, (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 45, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियम 2016 के नियम 24 के प्रावधान अनुसार 10 मार्च 2022 से छत्तीसगढ़ राज्य में
प्रवर्तकता कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।