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*शास. क. उ. माध्य. शाला में शिक्षा विभाग ने मनाया शिक्षक दिवस*

*जीवन में सही दिशा चाहिए तो शिक्षक का मार्गदर्शन अनिवार्य है डॉ. कन्नौजे*



सारंगढ़ । नगर के कन्या शाला में शिक्षा विभाग के द्वारा जिला स्तरीय शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ,  कार्यक्रम की अध्यक्षता जिपं अध्यक्ष संजय पांडे , विशिष्ठ अतिथि के रूप में विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े , विधायक कविता प्राण लहरे, भाजपा जिला अध्यक्ष ज्योति पटेल, पूर्व विधायक केराबाई मनहर, जिला शिक्षा अधिकारी जेआर डहरिया व रिटायर्ड शिक्षक, छात्राएं शिक्षकों की उपस्थिति में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का श्रीफल और साल से सम्मान किया गया । इस दौरान स्कूलों छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी । विधायक कविता प्राण लहरे ने कहा कि – एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश और दिशा प्रदान करता है। श्रीमती लहरे ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया। उन्होंने अपने मकान को लेकर एक उदाहरण प्रस्तुत की ।



जिपं अध्यक्ष संजय भूषण पांडे ने कहा कि – शिक्षक समाज के पथप्रदर्शक होते हैं, जिनके मार्गदर्शन से राष्ट्र का भविष्य संवरता है। इस अवसर पर सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी । भाजपा जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल ने कहा कि – शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। इस दिन हम अपने गुरुओं और शिक्षकों को सम्मान देते हैं, क्योंकि वही हमारे जीवन में ज्ञान, संस्कार और सही दिशा प्रदान करते हैं। शिक्षक सिर्फ पढ़ाई ही नहीं कराते, बल्कि अच्छे नागरिक और जिम्मेदार इंसान बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े कहा कि – शिक्षक दिवस पर जब विद्यार्थी अपने शिक्षकों को सम्मानित करते हैं, तो शिक्षकों को यह अनुभव होता है कि – उनका परिश्रम व्यर्थ नहीं गया। इससे उनमें नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार होता है । वे और अधिक समर्पण तथा उत्साह के साथ विद्यार्थियों के भविष्य को सँवारने का कार्य करते हैं । पूर्व विधायक केराबाई ने कहा कि – शिक्षक दिवस केवल विद्यालय तक सीमित नहीं रहता । यह पूरे समाज और राष्ट्र को यह संदेश देता है कि – शिक्षा ही सशक्त समाज और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव है। अच्छे शिक्षक ही देश को योग्य नागरिक और कर्मठ नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।



अंत में जिला कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कहा कि – शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं । वे केवल पढ़ाई ही नहीं कराते, बल्कि जीवन के आदर्श, संस्कार और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं । विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का स्थान माता-पिता से भी बढ़कर होता है। इसी सम्मान को व्यक्त करने के लिए प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता और आदर व्यक्त करने का अवसर देता है। इस दिन विद्यार्थी समझते हैं कि – शिक्षा केवल अंक प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन को सफल , सार्थक बनाने की कुंजी है। शिक्षक दिवस से छात्रों में गुरु के प्रति सम्मान , शिक्षा के प्रति लगन बढ़ती है । अतः स्पष्ट है कि – शिक्षक दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह गुरुजनों के प्रति हमारी श्रद्धा, आभार और सम्मान का प्रतीक है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि – यदि जीवन में सही दिशा चाहिए तो शिक्षक का मार्गदर्शन अनिवार्य है।

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