
सारंगढ़ । जिपंअध्यक्ष संजय भूषण पांडे ने कहा कि – भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है , लेकिन इसमें बलपूर्वक, छलपूर्वक, धोखाधड़ी से प्रलोभन द्वारा मतांतरण शामिल नहीं है । ऐसी कई घटनाएं हुई हैं , जिनसे यह धारणा प्रबल हुई है कि – कांग्रेस का धार्मिक स्वतंत्रता के आड़ में ईसाई मिशनरियों की तरफ झुकाव है । छग राज्य अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है , लेकिन पिछले केई वर्षो में मतांतरण के मुद्दे पर लगातार तनाव का सामना कर रहा है । इस संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की स्थिति संशय भरी रही है । वह ईसाई मिशनरियों के पक्ष में खड़ी दिखाई देती है । दर असल राज्य में खासकर आदिवासी बहुत क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों की गतिविधि लंबे समय से चल रही है , जो मतांतरण में संलिप्त है । इसके लिए आर्थिक रूप से कमजोर और अशिक्षित वर्गों को लक्षित किया जाता है । दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो नन और एक पास्टर को मतांतरण के लिए आदिवासी युवतियों की मानव तस्करी के आरोप में पकड़ा गया है । यह घटना न्यायालय की विवेचना के अधीन है लेकिन कोर्ट के किसी फैसले से पहले ही कांग्रेस का राज्य के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व आरोपीत दोनों नों और पास्टर के पक्ष में खड़ा हो गया है । यहां तक की जेल में कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुलाकात कर रहे हैं जो न्यायोचित नहीं है ।