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*युक्तियुक्तकरण का सजा भुगत रहे है छात्र*



सारंगढ़ । प्राशाला रेंजरपारा व प्राशाला सहसपुर का है । दोनों स्कूल के बीच की दुरी 800 मीटर है प्रशासन द्वारा नापी गई दुरी तथा शासन के युक्तियुक्तकरण के नियम अनुसार दो स्कूल के बीच की दुरी 500 मीटर से कम होने पर ही मर्ज होना है फिलहाल अधिकारी की गलती से प्राशा  रेंजरपारा दर्ज़ संख्या 18 को 800 मीटर दूर शाप्रा शाला सहसपुर (22) में मर्ज कर दिया गया व रेन्जर पारा के प्रपा को सहसपुर प्रपाशा बना दिया गया । एक शिक्षक पदस्थ कर दिया गया , तथा सहसपुर के प्रपा व शिक्षक को अतिशेष बनाकर, अन्यत्र पदस्थ कर दिया गया । दुरी अधिक होने के कारण रेंजर पारा के छात्र सहसपुर स्कूल नहीं गए । पालकों और जन प्रतिनिधियों ने कलेक्टर सर  से गुहार लगाएं ।

संवेदनशील और तेजतर्रार व तत्काल कार्यवाही करने वाले सारंगढ़ के कलेक्टर साहेब ने त्वरित जांच कमेटी गठित की, जांच समिति ने भी शीघ्रता साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की । रिपोर्ट आधार पर दोनों स्कूल के बीच की दुरी 8 सौ मीटर होने के कारण रेंजर पारा स्कूल को पुनः यथावत रखने का प्रस्ताव DPI को भेजा गया । फिलहाल वर्तमान में रेंजर पारा स्कूल खुल गया है किंतु समस्या और भी गहरा गया । अब सहसपुर के वर्तमान प्रपा को रेंजरपारा का प्रभार दे दिया गया । अब दोनों स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए है। दोनों स्कूल में शिक्षण के साथ अन्य कार्य प्रभावित हो रहे है। दोनों स्कूल के छोटे छोटे बच्चे लगभग शिक्षा से वंचित ही हो रहे हैँ । शिक्षकों की वापसी नहीं होने से पूरा व्यवस्था ठप्प हो गयी है कोई भी अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे है । प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए । DPI से संपर्क कर तत्काल शासकीय आदेश के लिए पहल करनी चाहिए व शिक्षकों को वापस कर बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने का पुनश्च सफल प्रयास करने होंगे ।

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