
सारंगढ़ । जिला मुख्यालय वन कांतर से घिरा हुआ है ।वहीं राजमहल गिरी विलास पैलेस जो तीन ओर से घोघरा नाला के पानी द्वारा दुश्मनों से महल को सुरक्षित करने में ऐतिहासिक रूप सफल रहा है । गुरुवार रात्रि तेज बारिश के चलते और घोघरा नाला में निकासी की व्यवस्था ठीक ना होने के कारण तेज बहाव के चलते नीचे पारा में हानि होने की संभावना दिखाई दे रही है वैसे सावन के बरसात में घोघरा नाला मां महाकाली के चरण धोने के लिए बाढ़ के स्वरूप में आती है और चली जाती है । रात को कुछ ही समय में अत्यधिक बारिश हो गई , नालें की सफाई न होने से , पानी का जल्द स्तर बढ़ गया वही पेड़ों की कटाई से मिट्टी बहती रही और नाले के आसपास जाम हो जाती है ।
घोघरा के इस मनमोहक दृश्य को देखने हजारों लोग मां महाकाली मंदिर के पास एकत्र हो घोघरा बाढ़ का आनंद ले रहे थे । कोई वीडियो बनाने में मस्त था , तो कोई स्टेटस लगाने के लिए फोटो खिंचवाने में व्यस्त था। इस बाढ़ के चलते संभावना बन रही है कि – वन क्षेत्र के खेतों का फसल बर्बाद , घर और सड़के क्षति ग्रस्त , जल जनित बीमारियां फैलने की संभावना और जनजीवन अस्त व्यस्त दिखाई दे रही थी । इससे बचने के लिए शासन को चाहिए कि- नाले की सफाई, अवैध निर्माण पर रोक, तट बंध बनाना, वर्षा जल का संचयन करना । संवेदनशील कलेक्टर इस विषय पर गौर करें । सारंगढ़ पुलिस द्वारा बाढ़ स्थल पर बैरिकेडिंग लगा दिया गया था । जिससे लोग बहते हुए पानी पर बनी हुई सड़क में नहीं जा रहे थे । घुमकर मां महाकाली मंदिर पूजा करने श्रीफल चढ़ाने जा रहे थे ।