रोजगार गारंटी योजना बना अनियमितता का पर्याय : तिवारी

तिल्दा-नेवरा, 14 जुलाई (हाईवे चैनल)। देश की सबसे बड़ी रोजगार योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार एक्ट मनरेगा पिछले कुछ वर्षों पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है बता दें कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिला एवं रायपुर जिला अशिकांश सरपंच एवं रोजगार सहायक आपसी मिलीभगत कर मनमानी तरीके से शासकीय राशि का दोहन कर शासन को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं इन पर कार्यवाही न होनें से भरस्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं एवं जनपद पंचायत मे बैठे जिम्मेदार अधिकारी मनरेगा में हो रहे अनियमितता एवं एडजेस्टमेंट को बढ़ावा देने में पूरी तरह से लिप्त हैं उक्त वक्तव्य पूर्व पार्षद एवं एल्डरमेन अजय तीवारी ने देते हुए कहाँ की इस सम्बंध में जल्द ही सम्बन्धित जिले के जिलाधीश
माननीय मुख्यमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय को दिल्ली जा कर को अवगत कराया जायेगा। कुल मिलाकर रोजगार गारंटी योजना मनरेगा एडजेसमेंट एवं अनियमितता का पर्याय बनकर रह गया है 1
जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारीयों के संरक्षण में सके तो लूट वाली कहावत सच साबित हो रही है भरस्ट अधिकारी कर्मचारीयों की संपत्तियों की जांच अगर हमारे प्रधामंत्री जी करा दें तो सच बहुत जल्दी सामने आ जावेगा क्या गलत है क्या सच । वास्तव में इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अंचल में रहने वाले गरीब परिवारों को रोजगार उपलब्ध करना था, जिससे वे गरीब लोग बाहरी प्रदेशों में रोजी मजदूरी हेतु पलायन न करें एवं अपने परिवार का भविष्य अपने क्षेत्र में ही तय कर सकें।