शौचालय व पेयजल व्यवस्था बदहाल, जिम्मेदारों की उदासीनता उजागर

सारंगढ़-बिलाईगढ़।
तहसील कार्यालय में रोजाना हजारों की संख्या में आम नागरिक अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचते हैं। इनमें रजिस्ट्री, लोक सेवा केंद्र से जुड़े कार्यों के साथ-साथ अन्य विभागीय मामलों को लेकर लोग घंटों कार्यालय परिसर में मौजूद रहते हैं। लेकिन इतनी भीड़ के बावजूद यहां आम जनता के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव देखने को मिल रहा है।
तहसील कार्यालय परिसर में शौचालय की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन उसकी साफ-सफाई और रखरखाव की स्थिति अत्यंत दयनीय है। गंदगी और अव्यवस्था के कारण लोग वहां जाने से कतराते हैं। मजबूरी में लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था तलाशनी पड़ती है, जो कि विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही है।
इतना ही नहीं, कार्यालय परिसर में पेयजल की समुचित व्यवस्था भी नहीं है। घंटों इंतजार करने वाले नागरिकों को पानी जैसी बुनियादी सुविधा तक के लिए भटकना पड़ता है। इसके विपरीत, अधिकारियों के कक्षों में किसी भी प्रकार की सुविधा में कमी होने पर उसका समाधान तत्काल हो जाता है।
आम नागरिकों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लेकर कोई जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नजर नहीं आता। मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सवाल यह उठता है कि जब तहसील कार्यालय आम जनता की सेवा के लिए है, तो वहां उनकी सुविधाओं की उपेक्षा क्यों?
हालांकि, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे को लेकर यह उम्मीद जताई जा रही है कि उनके संज्ञान में यह मामला आने पर स्थिति में सुधार हो सकता है। कलेक्टर डॉ. कन्नौजे औचक निरीक्षण और सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। अब देखना यह है कि तहसील कार्यालय की इस बदहाल व्यवस्था पर कब तक ध्यान दिया जाता है और आम जनता को राहत मिलती है।


