*सारंगढ़ का तालेश्वर महादेव मंदिर और स्वयंभू शिवलिंग*

सारंगढ़ । छग के सारंगढ़ जिला मुख्यालय के तालेश्वर महादेव मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है , बल्कि मन को सुकून देने वाली एक अद्भुत आध्यात्मिक केंद्र है । यहां के भोलेनाथ स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराज मान हैं, जो हर भक्त को अपनी ओर सहज ही खींच लेते हैं। यह स्थान स्वतः ही भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है । गौर तलब है कि – सारंगढ़ से सरायपाली रोड पर स्थित यह मंदिर रोज सुबह से ही भक्तों की चहल – पहल से जीवंत हो उठता है । लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर भोलेनाथ का दर्शन और अभिषेक करने पहुंचते हैं । स्वयंभू शिवलिंग की पूजा, श्रृंगार और आरती यहां की परंपरा का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। मंदिर के समीप बना ताला तालाब इस स्थान की सुंदरता को और भी निखारता है । तालाब का जल अत्यंत स्वच्छ और निर्मल है, जिसमें खिले हुए कमल के फूल मन मोह लेते हैं।
पूरा तालाब जैसे श्रद्धा के रंग में रंगा हुआ दिखाई देता है। मंदिर परिसर के चारों ओर फैले सैकड़ो कनेर के वृक्ष न केवल सौंदर्य में चार चांद लगाते हैं, बल्कि यह भी प्रतीत होता है कि – जैसे वे स्वयं भगवान को सजाने में तैयार खड़े हो । हवा में बहती इन फूलों की सुगंध मन को शांत, शुद्ध कर देती है। ताला के तालेश्वर महादेव का यह धाम सभी भक्तों के लिए विशेष स्थान रखता है, जो अपने जीवन में आस्था के साथ – साथ प्रकृति की शांति और पवित्रता को भी महत्व देते हैं । यह स्थान हर आगंतुक को यह एहसास कराता है कि – ईश्वर, प्रकृति और मनुष्य तीनों का एक सुंदर मिलन यहीं होता है । भक्त सावन सोमवार व्रत करते हैं , यह समर्पण, संयम और श्रद्धा का प्रतीक है ।प्राचीन काल से लेकर आज तक करोड़ शिवभक्त इस व्रत को धारण कर भोलेनाथ से जीवन में सुख , समृद्धि और मोक्ष की कामना करते हैं ।