
सारंगढ़ । भाजपा नेता सड़क से सदन का चक्कर लगाने में व्यस्त है कि नपा में किसी भी तरह से तदर्थ कमेटी की स्थापना हो जाए, लेकिन वे कितना भी मेहनत करलें तदर्थ कमेटी नहीं बन पाएगी। क्योंकि – संवैधानिक अड़चन के सामने अधिकारी और मंत्री सभी के सभी विवश और मजबूर दिखाई दे रहे हैं । नपा अधिनियम 1961 की धारा 37 राज्य निर्वाचन को इस विषय की जानकारी प्रदान करनी है की सारंगढ़ नपा परिषद में 6 माह के भीतर निर्वाचन की तैयारी करवानी होगी ।
विदित हो कि – माननीय न्यायालय के द्वारा 7 पार्षद और अध्यक्ष को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया ।जिसमें वार्ड क्रमांक दो कमला किशोर निराला, तीन किरण नंदू मल्होत्रा ( मृतक ) वार्ड 5 श्रीमती शांति लक्ष्मण मालाकार , वार्ड 8 शुभम बाजपेई , वार्ड 10 रामनाथ सिदार, वार्ड 11 सरिता शंकर चंद्रा, वार्ड 12 गीता महेंद्र थवाईत , वार्ड 14 संजीता सिंह सरिता , वार्ड 15 श्रीमती सोनी अजय बंजारे जिन को न्यायालय ने अयोग्य सिद्ध कर दिया । आरक्षित अध्यक्ष आसंदी जिस पर श्रीमती सोनी अजय बंजारे बैठी हुई थी । उस वर्ग से कोई भी महिला पार्षद वर्तमान में परिषद के पास नहीं है । अतएव तदर्थ कमेटी की संभावना ना के समान है ।
विदित हो कि – वर्तमान में जो पार्षद नगर पालिका में है जिसमें वार्ड 1 कमल कांत निराला , वार्ड 4 मयूरेश केसरवानी , वार्ड 6 राम प्रसाद यादव , वार्ड 7 सुनील यादव, वार्ड 9 अमित तिवारी वार्ड 13 सत्येंद्र सिंह बरगाह भाजपा नेता मंत्रालय से लेकर सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं । कोई भी वय में तदर्थ कमेटी की स्थापना हो जाए और उसमें हमें अध्यक्ष आसंदी पर बैठने का सौभाग्य प्राप्त हो जाए ।लेकिन धारा 37 (2)मनोनीत धारा 29 (ख) आधीन यह पद आरक्षित है तो आरक्षित वर्ग का नाम निर्देशित किया जाता है क्योंकि – नगर पालिका परिषद में बचे हुए पार्षदों में अध्यक्ष आसंदी के लिए आरक्षित महिला नहीं है और बचे हुए 6 पार्षदों में कोई भी परिषद अजा वर्ग से महिला नहीं है । इसलिए तदर्थ कमेटी की स्थापना कतई संभव नहीं है । प्रशासक की नियुक्ति होगी और प्रशासक 6 माह के भीतर नए निर्वाचन के लिए पहल करेगा , निर्वाचन की सारी तैयारी करेगा ।