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छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का आव्हान

झन करव इनकार, हमर सुनव सरकार



सारंगढ़। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के कर्मचारियों, अधिकारियों के हित में अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। फेडरेशन से संबद्ध 120 संगठन मिलकर मोदी की गारंटी के तहत अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। फेडरेशन का कहना है कि -प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों, पेंशनरों के हित में ठोस निर्णय नहीं लेने से असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। सरकार लगातार पत्राचार के बावजूद मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं कर रही है। फेडरेशन की प्रमुख मांगें महंगाई भत्ता (DA) एवं महंगाई राहत (DR): केंद्र सरकार के समान देय तिथि से लागू किया जाए। DA एरियर्स वर्ष 2019 से लंबित एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते मेंसमायोजित की जाए। वेतन विसंगति समाधान पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिककर संवर्गों की विसंगतियाँ दूर की जाएं।

चार स्तरीय पदोन्नति 8, 16, 24 और 32 वर्ष में समय मान वेतनमान लागू किया जाए। सहायक शिक्षक व पशु चिकित्सा अधिकारी त्रिस्तरीय समयमान वेतन मान दिया जाए। नगरीय निकाय कर्मचारी नियमित मासिक वेतन और समयबद्ध पदोन्नति दी जायें । कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह लागू की जाए एवं
अनुकंपा नियुक्ति 10% सीलिंग हटाकर निःशर्त लागू की जाए। अर्जित अवकाश नगदी करण मध्यप्रदेश की तरह 300 दिवस तक किया जाए। प्रथम नियुक्ति से सेवा गणना सभी लाभ नियुक्ति तिथि से मिलें। सेवानिवृत्ति आयु विभागों में अधिकारियों कर्मचारियों की कमी को देखते हुए 65 वर्ष की जाए। नियमितीकरण कार्यभारित, दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। आंदोलन के दूसरे चरण के तहत 22 अगस्त 2025, शुक्रवार को जिला स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना – प्रदर्शन किया गया।

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