*2 साल से पेंडिंग प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के लिए लगातार पेशी लें*

सारंगढ़। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों का बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों का विस्तृत समीक्षा बैठक किया। कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों में बार-बार पेशी नहीं देने के निर्देश सभी राजस्व अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण में 2-3 से अधिक पेशी नहीं दे। साथ ही एक, दो और तीन वर्ष के पुराने राजस्व प्रकरणों का लगातार नजदीक का पेशी देकर उसका त्वरित निराकरण करें। साथ ही कोई भी प्रकरण पटवारी प्रतिवेदन या राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन के कारण समय सीमा से बाहर केस न हो, यह सुनिश्चित करें। कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा, विवादित नामांतरण एवं बंटवारा, सीमांकन, त्रुटि सुधार, बेजा कब्जा, वृक्ष कटाई, राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी) 6-4, वसूली एवं भूअर्जन के प्रकरणों का विस्तृत गहन समीक्षा कर सभी 2 वर्ष के पुराने लंबित प्रकरणों का लगातार पेशी लगाकर समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी पटवारियों को अपने हल्का प्रभार क्षेत्र के गांवों में एक निश्चित तिथि एवं समय निर्धारित कर गांवों में जाएं एवं अभी स्कूलों में जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र, प्राकृतिक आपदा आरबीसी 6-4, बेजा कब्जा के प्रकरणों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ. संजय ने स्कूली बच्चों के जाति,आय, निवास प्रमाण पत्रों का वहां के खंड शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य एवं प्रधान पाठकों के साथ समन्वय कर सभी बच्चों का जाति, आय, निवास प्रमाण पत्रों का अभियान चलाकर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही विभागों को भूमि आबंटन के प्रकरणों को भी शीघ्र भेजने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर कलेक्टर एस के टंडन, प्रकाश कुमार सर्वे, कार्यपालन अभियंता पीडब्ल्यूडी पी एल पैकरा, जल संसाधन विभाग के एसडीओ एस.के. चन्द्राकर, एसडीएम सारंगढ़ अनिकेत साहू, एसडीएम बिलाईगढ़ वर्षा बंसल, अधीक्षक भू अभिलेख आशीष पटेल, तहसीलदार मनीष सूर्यवंशी, आयुष तिवारी, कोमल साहू, मोहन साहू, नीलिमा अग्रवाल, देवराज सिदार, कमलेश सिदार, शनि पैकरा, तोमन ध्रुव, पुष्पेन्द्र राज सहित उनके रीडर, सहायक ग्रेड 2 और 3 उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता पी एल पैकरा और जल संसाधन विभाग के एसडीओ एस के चन्द्राकर को कहा कि भू-अर्जन प्रकरणों को शीघ्र निराकृत करने करें। साथ ही जिन प्रकरणों में आदेश हो चुका है। उसके मुआवजे की राशि, हितग्राहियों की शीघ्र भुगतान करें। अवार्ड पारित होने के बाद तत्काल अभिलेख दुरूस्ती का कार्य करें।