कोटवार नियुक्ति पर विवाद वंशज हुआ नज़र अंदाज़

सारंगढ़ । जिले के कोसीर भांठागांव में कोटवार पद पर हाल ही में की गई नियुक्ति को लेकर गंभीर असंतोष व्याप्त है । आरोप है कि – परंपरागत रूप से कोटवारी पद पर वंशानुगत नियुक्ति की प्राथमिकता होते हुए भी पूर्व कोटवार के परिवार की उपेक्षा कर एक गैर – वंशज व्यक्ति को नियुक्त कर दिया गया । गांव के पूर्व कोटवार स्व. अमरदास पिता मकुंद दास लगभग तीन माह पूर्व लकवाग्रस्त हो गए थे। उनके असमर्थ होने पर तहसीलदार के सुझाव पर उनके परिवार द्वारा कोटवारी दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा था । बताया गया कि – स्वयं तहसीलदार ने पूर्व कोटवार को त्यागपत्र देने व परिवार के सदस्य को आवेदन प्रस्तुत करने की सलाह दी थी ।
पूर्व कोटवार के बड़े पुत्र मिश्वरी दास ने उक्त सलाह के अनुसार कोटवार पद हेतु बाकायदा आवेदन प्रस्तुत किया । इसी बीच तहसील दार कार्यालय द्वारा रिक्त पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें गांव के कुल 23 आवेदकों ने आवेदन जमा किए। स्थानीय कोटवार संघ का कहना है कि प्रक्रिया के दौरान मिश्वरी दास को लगातार आश्वासन दिया जाता रहा कि – नियुक्ति उन्हीं को मिलेगी। किन्तु, आश्चर्य जनक रूप से अंतिम आदेश में मिश्वरी दास को नियुक्त न कर एक अन्य परिवार के व्यक्ति प्रदीप लहरे को कोटवार नियुक्त कर दिया गया । इस निर्णय से न केवल पूर्व कोटवार के परिवार में बल्कि पूरे तहसील व जिले के कोटवार समुदाय में रोष व्याप्त है । कोटवार संघ ने पूर्व में ही तहसीलदार से निवेदन किया था कि – नियुक्ति प्रक्रिया में भूतपूर्व कोटवार के परिवार के साथ अन्याय न हो, इसके बावजूद नियुक्ति आदेश जारी किए जाने पर संघ ने नाराज़गी जताते हुए नियुक्ति की पुनः समीक्षा तथा आदेश निरस्त करने की मांग की है ।


