*चिरायु के डॉ. खरे अब करेंगे एमबीबीएस. की पढ़ाई*

सारंगढ़ । पढ़ाई की कोई उम्र नहीं है, पढ़ाई में कोई शर्म नहीं है। इस तथ्य को साकार कर रहे हैं सामु. स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ में पदस्थ चिरायु के आयुष चिकित्सा अधिकारी सह जिला नोडल अधिकारी (चिरायु) डॉ प्रभु दयाल खरे रा. बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) में 2014 से लगातार 11 वर्ष 2 माह से स्कूली व आंगनबाड़ी के बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए सेवा दे रहे । डॉ. प्रभु दयाल खरे जिनकी उम्र 44 वर्ष की है, चिकित्सा शिक्षा में होने वाले देश के सबसे बड़े परीक्षा नीट 2025 क्वालीफाई करने के उपरांत एमबीबीएस. अध्ययन हेतु रिम्स मेडिकल कॉलेज रायपुर (छग) एलॉटमेंट हुवा है जहाँ डॉ खरे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे। डॉ खरे स्वयं 2002 बैच के बीएचएमएस (होम्योपैथी चिकित्सक) हैं साथ ही बैचलर ऑफ साइंस, फार्मेसी व पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्पिटल मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की है। इनके पिता दुजेराम खरे सेवा निवृत्त शिक्षक हैं। ये अपने भाई डॉ केडी खरे लैपेरोस्कोपिक & रोबोटिक सर्जन, यूरोलॉजिस्ट, डॉ जी डी खरे एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, श्रीमती लीमा खरे क्लेरिकल कैडर- यूको बैंक को इस ऊँचे मुकाम तक पहुँचाया है। अब इनके भाइयों ने भी इन्हें और ऊंचे ओहदे दिलाने हेतु 44 वर्ष के उम्र में भी इन्हें पढ़ने को प्रेरित करने के साथ साथ मार्गदर्शन करते रहे, तब जाकर डॉ खरे जी को ये सफलता मिल पाई है। इससे यह सिद्ध होता है कि – मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है । बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ही ये मॉडर्न मेडिसिन के अध्ययन हेतु प्रवेश लिए हैं व एमबी बीएस के अध्ययन पश्चात पोस्ट ग्रेजुएट करने के भी इच्छुक हैं ताकि सारंगढ़ क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जा सके।