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जनविरोध का विस्फोट: महिला शक्ति के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट का घेराव, जनसुनवाई निरस्त करने की मांग



सारंगढ़-बिलाईगढ़। मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रा. लि. की प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर गुरुवार को पूरे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में आक्रोश की लहर दौड़ गई। हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीणों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए जोरदार रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिला शक्ति सबसे आगे रही। महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जनसुनवाई आयोजित की तो आंदोलन उग्र रूप लेगा। उनका कहना था कि कंपनी को हरगिज गांव में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे इसके लिए बड़ा संघर्ष ही क्यों न करना पड़े। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन कंपनी को अंदरूनी सहयोग दे रहा है और जनहित की अनदेखी कर रहा है।प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने चारों ओर बैरिकेड लगाए, परंतु आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया। कांग्रेस पदाधिकारियों के समर्थन से आंदोलन को और बल मिला। बाद में ग्रामीणों ने जनसुनवाई स्थगित करने की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक जनसुनवाई पूरी तरह निरस्त नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।जनविरोध के इस माहौल में जिले का माहौल पूरी तरह आंदोलित रहा। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उद्योग स्थापित हुआ तो क्षेत्र की भूमि, जल और वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाएगी, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ेगा।



खदान क्षेत्र में स्वास्थ्य पर खतरा

टीमरलगा और गुडेली क्षेत्र में टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या ने दहशत फैला दी है। ग्रामीणों का कहना है कि खदान क्षेत्र में फैलते धूल-कण और प्रदूषण से सांस की बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। कई परिवारों में लगातार टीबी के मरीज सामने आ रहे हैं, जिससे लोग भयभीत हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि कंपनी की जगह पहले क्षेत्र के स्वास्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जनसुनवाई को लेकर विरोध अब जनआक्रोश में बदल चुका है। लोग एक सुर में कह रहे हैं कि,गांव बचाओ, जनजीवन बचाओ!

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