BlogCHHATTISGARHnewsSARANGARH-BILAIGARH

*प्राकृतिक आपदा की संभावित जानकारी देगा सचेत, दामिनी और मेघदूत ऐप*



सारंगढ़ बिलाईगढ़, 23 अक्टूबर 2025/  भारत सरकार द्वारा आपदाओं जैसे बाढ़, आकाशीय बिजली, जंगल में आग, लू, ताप आदि के बारे में जनसामान्य को पूर्व चेतावनी जान करने हेतु  विकसित किए हैं, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसी प्रकार आपदा के लिए टोल फ्री नंबर 1070 है।

आकाशीय बिजली घटित होने के कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचना प्राप्त होती है। दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान (20-31 किलोमीटर का दायरा)आवश्यक तैयारी, उपाय आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी तरह मेघदूत एप मुख्य रूप से मौसम पूर्वानुमान (तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि)से संबंधित है। जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संंबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

*मेघदूत ऐप*

भारत सरकार के मौसम विभाग ने मेघदूत नाम का एक एप विकसित किया है जो किसान की फसलों का सुरक्षा कवच है। मेघदूत ऐप डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोडऩे के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है। इसका उपयोग बेहद सरल है। इसके माध्यम से मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह मिलती है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा और फिर अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण करके मौसम की जानकारी का अलर्ट पा सकते हैं।



*दामिनी ऐप*

दामिनी एप को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी पुणे के द्वारा विकसित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से किसान को आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के संबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाएगी। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत किसान की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 10 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एसएमएस के माध्यम से अलर्ट मिलेगा।



*सचेत ऐप*

यह भारत सरकार द्वारा विकसित एक आपदा पूर्व चेतावनी और प्रतिक्रिया मोबाइल ऐप है, जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय मौसम विभाग द्वारा प्रबंधित है। यह ऐप संभावित आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात, भूकंप और बिजली गिरने के बारे में रियल-टाइम अलर्ट भेजता है, ताकि उपयोगकर्ता सुरक्षित रह सकें। यह ऐप जीपीएस लोकेशन के आधार पर अलर्ट भेजता है। क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है और आपातकालीन संपर्क और बचाव व राहत केंद्रों की जानकारी भी प्रदान करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest