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*दुर्ग एवं बिलासपुर कोचिंग डिपो के नवाचारों से बढ़ी संचालन विश्वसनीयता*





रायपुर – 04 दिसंबर 2025 दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के यांत्रिक विभाग ने यात्री सुरक्षा, संचालन दक्षता और विश्वसनीयता को और मजबूत करते हुए एसी कोचों में फायर डिटेक्शन सिस्टम के उन्नत उपयोग तथा गार्ड वैन में हैंड ब्रेक इंडिकेटर की व्यवस्था जैसे दो महत्वपूर्ण तकनीकी सुधार सफलतापूर्वक लागू किए हैं । ये दोनों पहलें रेलवे सुरक्षा मानकों को नई ऊंचाई प्रदान करती हैं और यात्रियों के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं ।

*एसी कोचों में उन्नत फायर डिटेक्शन सिस्टम*
फायर डिटेक्शन सिस्टम एक स्वचालित धुआं पहचान एवं अलर्ट व्यवस्था है, जिसे एसी कोचों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है । सिस्टम के माध्यम से धुआं या आग की प्रारंभिक उपस्थिति का तुरंत पता लगता है और अलार्म सक्रिय हो जाता है, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव होती है तथा किसी भी संभावित जोखिम में उल्लेखनीय कमी आती है ।


*मुख्य विशेषताएँ*
• धुआं पहचानते ही स्वतः चेतावनी संकेत
• कोच के भीतर संभावित आग/धुआं स्थिति की त्वरित जानकारी
• जोखिम कम करने व समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने में सहायक
• यात्रियों एवं ट्रेन स्टाफ की सुरक्षा जागरूकता में वृद्धि

*राज्योत्सव 2025 में आकर्षण का केंद्र*
दुर्ग कोचिंग डिपो द्वारा इस उन्नत फायर डिटेक्शन सिस्टम को राज्योत्सव 2025 (1–6 नवम्बर, नया रायपुर) में प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया गया, जहाँ इस मॉडल को व्यापक सराहना मिली । आगंतुकों को सिस्टम के डिजाइन, कार्य-सिद्धांत और अलर्ट तंत्र की प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान की गई, जिससे रेलवे की अग्नि सुरक्षा तकनीकों के प्रति आमजन की जागरूकता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई ।

*गार्ड वैन में हैंड ब्रेक इंडिकेटर की व्यवस्था*
कोचिंग डिपो बिलासपुर द्वारा दो एलएचबी गार्ड वैन में ट्रेन मैनेजर (गार्ड) के केबिन में हैंड ब्रेक इंडिकेटर स्थापित किया गया है । यह सुधार ब्रेक संचालन की निगरानी को सरल और अधिक विश्वसनीय बनाता है, जिससे ट्रेन संचालन में सुरक्षा को नई मजबूती मिलती है ।

*रिट्रोफिटमेंट के मुख्य लाभ—*

1. *हैंड ब्रेक रिलीज की सीधी मॉनिटरिंग*
ट्रेन मैनेजर को केबिन से ही ब्रेक की वास्तविक स्थिति का पता चलता है, जिससे गलतियों की संभावना कम होती है ।

2. *ब्रेक संचालन में सुधार एवं स्टाफ के कार्यभार में कमी*
गार्ड एवं ऑपरेटिंग स्टाफ के लिए मॉनिटरिंग आसान हो जाती है, जिससे संचालन दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ती है ।
यह व्यवस्था गार्ड की परिचालन क्षमता बढ़ाने, मानसिक तनाव कम करने तथा कोचिंग रेक में समग्र सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।

*संरक्षा उन्नयन की दिशा में निरंतर प्रतिबद्धता*
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कोचिंग डिपो बिलासपुर एवं दुर्ग द्वारा किए गए ये तकनीकी नवाचार रेलवे की संचालन संरक्षा, विश्वसनीयता और यात्रियों के आराम को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं । निरंतर तकनीकी सुधार, उन्नत सुरक्षा प्रणालियों का उपयोग और बेहतर मेंटेनेंस प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित कर संरक्षित एवं भरोसेमंद ट्रेन सेवाओं को निरंतर मजबूत किया जा रहा है ।

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