*अनिकेत साहू पदभार सौंप कर क्यों नहीं जा रहे हैं स्थानांतरित स्थल*

सारंगढ़ । डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू जिला कार्यालय में पदस्थ थे, जिनका स्थानांतरण छग शासन द्वारा जुलाई में कर दिया गया था लेकिन वह अपने पदेन मोह को छोड़ नहीं पा रहे हैं । उनको सारंगढ़ विधानसभा चारागाह के रूप में दिखाई दे रहा है , जबकि – शासन के नियमानुसार स्थानांतरित होने के बाद अधिकारी को 10 दिनों के भीतर कार्य मुक्त किया जाना चाहिए । यदि आवश्यक हो तो सक्षम अधिकारी द्वारा 10 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है ।
विदित हो कि – क्या ? श्रीमान कलेक्टर साहब स्थानांतरित अधिकारी अनिकेत साहू का 10 दिन और बढ़ा दिए हैं । क्या ? सारंगढ़ अनुविभाग में एसडीएम प्रखर चंद्राकर के चले जाने के बाद चार्ज लेने वाले कोई अधिकारी नहीं था जो एक स्थानांतरित अधिकारी को एसडीएम का चार्ज सौंपा गया । यह तो दाल में काला नहीं पूरी दाल काली है। क्या ? एसडीएम का चार्ज सारंगढ़ तहसीलदार को सौंपा नहीं जा सकता। क्या ? एसडीएम बिलाईगढ़ को सारंगढ़ का भी प्रभार नहीं दिया जा सकता । जिला कार्यालय में पदस्थ दो उच्चाधिकारी में से किसी एक को एसडीएम का भी पदभार नहीं दिया जा सकता है । माजरा क्या है यह तो समय के गर्भ में है ।
डीएफएम का जिन्न बोतल से बाहर लाना ही होगा। यदि अधिकारी निर्धारित समय अवधि में कार्य मुक्त नहीं होते हैं तो उन्हें एक तरफ कार्य मुक्त किया जा सकता है । इसके लिए सक्षम अधिकारी द्वारा स्थानांतरण आदेश जारी करने वाले अधिकारी को सूचित करना होगा । *जिला कलेक्टर डॉक्टर संजय कनौजे ने इस विषय पर कहा कि – इसकी जानकारी जेड़ी सर को दे दी गई है की सारंगढ़ में अधिकारियों की कमी है ।*